क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)

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What is Cryptocurrency in Hindi? (क्रिप्टोकरेंसी क्या है ?)

What is Cryptocurrency in Hindi? (क्रिप्टोकरेंसी हिन्दी में ), इस लेख में हम हिन्दी में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में विस्तार से जानेंगे। इस लेख (Article) को पढ़ने के बाद निम्नलिखित बातों को जान सकेंगे:

What is Cryptocurrency in Hindi? (क्रिप्टोकरेंसी हिन्दी में )

 

  1. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) क्या है?
  2. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की शुरुवात कब हुई?
  3. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को कैसे प्राप्त किया जा सकता है?
  4. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का इस्तेमाल कहाँ और कैसे कर सकते हैं?
  5. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की विशेषताएँ और कमियाँ क्या है?
  6. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) कितने प्रकार की होती है?
  7. भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)की वर्तमान स्थिति क्या है?
  8. निष्कर्ष (Conclusion)/ हमें एक निवेशक के रूप में क्या करना चाहिए?

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) / What is Cryptocurrency in Hindi?

क्रिप्टो करेंसी का अगर हिन्दी में (Cryptocurrency in Hindi meaning) अर्थ करें तो हम दो शब्द पाएंगे। क्रिप्टो और करेंसी, क्रिप्टो का मतलब है, छिपा हुआ या गोपनीय, और करेंसी का मतलब है, किसी देश में प्रचलित धन- व्यवस्था या मुद्रा प्रकार।

यह कुछ इसी प्रकार है, यह दिखाई नहीं देता पर यह डिजिटल रूप में मौजूद है। इसे डिजिटल करेंसी या वरचूअल करेंसी भी कहते हैं।

तो अब सवाल यह है की क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) क्या है ?

इसे समझने के लिए हमें तीन कान्सैप्ट समझने होंगे जिसपे ये आधारित है।

  1. Blockchain   2. Cryptography    3. Decentralization

1. Blockchain:

अगर हम इसे परिभाषित करें तो “यह टेक्नालजी एक डिजिटल लेजर है, जहाँ डिजिटल रेकॉर्ड को एक पब्लिक बही-खाता (Public Ledger) के रूप में एक ब्लॉक में रखा जाता है। हर ब्लॉक को चेन से जोड़ दिया जाता है ताकि, जो भी ट्रैंज़ैक्शन हो वो हर कम्प्युटर पर दिखाई पड़े। इसके साथ किसी तरह का छेड़-छाड़ नहीं किया जा सकता।“

आइये इसे कुछ साधारण तरीके से नीचे दिये गए ब्लॉक डायग्राम से समझने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के तौर पर हम तीन ब्लॉक लेते हैं।

What is Cryptocurrency in Hindi? (क्रिप्टोकरेंसी हिन्दी में )

यहाँ तीन बातें महत्वपूर्ण है।    i)  ब्लॉक           ii) हैश         iii) पिछला हैश

ब्लॉक:

हर ब्लॉक में डाटा Stored होता है। हर ब्लॉक को हैश से कोड कर देते हैं और पिछले हैश से लिंक कर देते हैं। कुछ मिनट या सेकंड के ट्रैंज़ैक्शन के बाद एक ब्लॉक बनता है, और इसे ब्लॉक टाइम कहते हैं। उदाहरण के तौर पर Bitcoin, Cryptocurrency के एक ब्लॉक बनने में औसतन 10 मिनट लगते हैं।

हैश :

हैश एक किसी भी लंबाई का इनपुट टेक्स्ट हो सकता है जो सीमित लंबाई का आउटपुट देता है। यह नंबर, अल्फाबेट और किसी मीडिया फ़ाइल से बना हो सकता है।

पिछला हैश:

जाहिर है ये पिछले हैश का reference है। बाकी सब कुछ हैश जैसा हीं है।

हैश XYZR, ABCP, PQRA…. इत्यादि, उदाहरण मात्र है।  अगर ब्लॉक1 को हम पहला उत्पन्न  ब्लॉक मानें तो इसे Genesis (जेनेसिस) ब्लॉक कहते हैं, और इसलिए इसका हैश 0000 है।

इसे अच्छी तरह से समझने के लिए कृपया “ब्लॉक चेन” वाले पोस्ट को जरूर पढ़ें।

2. Cryptography:

इस तकनीकी से हम किसी भी सूचना को कोड कर देते हैं, ताकि यह सूचना केवल उसी तक पहुंचे और समझे जिनके लिए यह प्रयोजित है। जटिल गणितीय कान्सैप्टस (Complex Mathematical Concepts) और कैलक्युलेशन बेस्ड एल्गॉरिथ्म (Calculation based algorithm) से सूचनाओं को सुरक्षित किया जाता है, जिससे इसे आसानी से डिकोड करना मुश्किल हो।

3. Decentralization:

Decentralization (विकेन्द्रीकरण) का मतलब इसे कोई भी रेगुलेट नहीं कर सकता, चाहे वो सरकार हो या सेंट्रल बैंक। इसके भाव में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित नहीं किया जा सकता। जबकि केंद्रीकृत मुद्रा (जिसका हम रोजमर्रा इस्तेमाल करते हैं) का नियंत्रण रिजर्व बैंक द्वारा किया जाता है। इसके इसी विशेषता के चलते इसकी लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

आइये हम अपने मूल प्रश्न पर चलते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल या वरचुअल करेंसी है जो क्र्प्तोग्राफी द्वारा सुरक्षित है। इसका मतलब हम इसे देख या छू नहीं सकते बस ऑनलाइन माध्यम से लेन-देन कर सकते हैं। इसके रेकॉर्ड का नियंत्रण क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) की मदद से होता है। यह ब्लॉक चेन तकनीक पर आधारित है। इस तकनीकि के इस्तेमाल से इसके लेन- देन को नियंत्रित किया जाता है और कूट लिखित (Encrypted) होने के कारण इससे छेड़-छाड़ नहीं किया जा सकता। इस पर किसी देश या सरकार का नियंत्रण नहीं है।

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  की शुरुआत कब हुई?

उपलब्ध जानकारी के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत साल 2009 में सतोषी नाकामोतो (ये एक व्यक्ति या ग्रुप हो सकता है) ने शुरू किया। लेकिन इसके पहले कई प्रयास किए जा चुके हैं। साल 1983 में अमेरीकन क्र्य्प्तोग्राफर डेविड छौम ने ecash नाम से एलेक्ट्रोनिक मनी के प्रारूप को जन्म दिया था जिसे बाद में Digicash नाम से इम्प्लेमेंट किया। इसके बाद इस दिशा में कई लोगों द्वारा काम होते रहे। वर्ष 2009 में Bitcoin का जन्म हुआ। परंतु, इसे व्यवहारिक लेन-देन में लाने में समय लगा। वर्ष 2012 में वर्ड प्रैस (WordPress) ने इसे ट्रैंज़ैक्शन के लिए स्वीकार किया।

अक्सर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  और Bitcoin को पर्याय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, पर Bitcoin एक Cryptocurrency का प्रकार है।

वर्ष 2014 में लगभग सभी प्रमुख देशों ने इस पर रिसर्च / खोज शुरू कर इसे समझने का प्रयास शुरू किया। जून 2021 में ElSalvador पहला देश बना जिसने Bitcoin को बिल पास कर कानूनी रूप से वैद्य करार दिया। अगस्त 2021 में Cuba ने भी इसी तरह का बिल पास किया। सितंबर 2021 में चीन, जो की क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  का एकलौता बड़ा मार्केट था, ने इसे अवैद्य करार दिया। यह Cryptocurrency के विकासरत प्रयासों के लिए एक धक्का था, पर इसके प्रति लोगों का रुझान कम नहीं हुआ। एक एस्टीमेट के हिसाब से वर्ष 2030 तक Cryptocurrency का बाज़ार $4.94 बिलियन डालर तक पहुँच सकता है।

Cryptocurrency को कैसे प्राप्त किया जा सकता है?

Cryptocurrency को हम दो मुख्य तरीकों से प्राप्त कर सकते हैं।

Mining (माइनिंग), और Crypto Exchange (क्रिप्टो एक्सचेंज) या Broker (ब्रोकर)

1. माइनिंग (Mining) के जरिये :

माइनिंग अर्थात खनन, यह प्राकृतिक धातुओं जैसा खनन तो नहीं है पर खनन के शाब्दिक अर्थ से प्रेरित है।  माइनिंग हम इंटरनेट पर विशेष पावरफुल कम्प्युटर द्वारा जटिल गणितीय पजल (पहेली) का हल निकाल कर करते हैं।

आइए समझते हैं कैसे ! जब क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  में कोई लेन-देन होता है, तो इसकी जानकारी ब्लॉक में दर्ज़ की जाती है। हर कुछ मिनट या सेकंड के ट्रैंज़ैक्शन के बाद एक ब्लॉक बनता है। इसके बाद हैश के जरिये हर ब्लॉक को सुरक्षित कर चेन से जोड़ दिया जाता है। दरअसल, जब दूसरा ब्लॉक बनता है तो इसे पिछले हैश से लिंक कर देते है। इसी प्रक्रिया को चेन से जोड़ना कहा जाता है।

जब कोई दूसरा माइनर हैश खोज निकालता है, तो इसे फिर से हैश के जरिये सुरक्षित कर ब्लॉकचेन  में जोड़ना होता है। इसके बाद इसे दूसरे Nodes (नोड) यानि कम्प्युटर से सत्यापित करते हैं। लगभग आधे से ज्यादा (51%) Nodes जब सहमति देते हैं, तो इस प्रक्रिया को आम सहमति (Consensus) कहा जाता है। अगर आम सहमति (Consensus) मिल गया तो ब्लॉक को सुरक्षित समझा जाता है और इसे सुरक्षित करने वाले माइनर को पुरस्कार के रूप में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  दिया जाता है। वस्तुतः यही प्रक्रिया ब्लॉकचेन टेक्नालजी का आधार है।

असल में माइनिंग इतना आसान नहीं है, इसमें विशेष प्रकार के पावरफूल कम्प्युटर का इस्तेमाल होता है। और, जटिल गणितीय पजल (पहेली) को हल करने में कई दिन लग जाते है। इसलिए क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  प्राप्त करने  का यह तरीका अभी भी कुछ उन्हीं लोगों तक हीं सीमित है, जो इससे जुड़े टेक्नालजी, प्रोग्रामिंग और प्रक्रियाओं को बखूबी समझते है।

तो फिर ज्यादातर लोगों के लिए दूसरा तरीका उपयुक्त है जिसके जरिये क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  प्राप्त किया जा सकता है। हालांकि यहाँ भी खरीद-फरोख्त या निवेश करने से पहले बहुत सारी बातों का ध्यान रखना होता है।

2. Crypto Exchange (क्रिप्टो एक्सचेंज) या Broker (ब्रोकर) के जरिये:

आजकल बहुत सारे सेंट्रल एक्सचेंज, ब्रोकर या व्यक्ति से क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) खरीदे, बेचे या रखे जा सकते हैं। खरीदने के बाद इसे डिजिटल वालेट (Digital Wallet) में रखा जाता है जो दो प्रकार के होते हैं।

a) Hot Wallet (हॉट वालेट)

हॉट वालेट का मतलब है जो इंटरनेट से लिंक हो और आसानी से लेन-देन किया जा सके। परंतु इसमें चोरी का खतरा रहता है।

b) Cold Wallet (कोल्ड वालेट)

कोल्ड वालेट का मतलब है जो किसी डिवाइस जैसे की पेन-ड्राइव में स्टोर कर रखा जाता है।

वर्तमान में भारत में कई Exchanges हैं, जो क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  की खरीद-बिक्री को अंजाम दे रहे हैं। कुछ नामीं प्लैटफ़ार्म जैसे WazirX, Zebpay, Coinswitch Kuber, CoinDCX GO के नाम शामिल हैं।

Cryptocurrency का उपयोग कहाँ और कैसे कर सकते है?

Cryptocurrency को खरीदने के बाद इसे एक वालेट से दूसरे वालेट में स्मार्टफोन के जरिये ट्रान्सफर कर सकते हैं। बहुत सारे वैबसाइट और ई- कॉमर्स (e-commerce) कंपनियाँ क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार करती है। कुछ प्रमुख उद्देश्य जिसके लिए क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का इस्तेमाल होता है।

  • कूछ समान खरीदने के लिए
  • व्यापारिक लेन-देन के लिए
  • कैश के बदले एक्स्चेंज के लिए

उपरोक्त सभी ट्रैंज़ैक्शन केवल वहीं किए जा सकते जहां क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  स्वीकार किए जाते हैं।

Cryptocurrency की विशेषताएँ और कमियाँ क्या है?

आइये डालते हैं एक नज़र इसकी विशेषताओं और कमियों पर।

विशेषताएँ (Advantages)

  1. यह ब्लॉक चेन टेक्नालजी और क्र्यटोग्राफी द्वारा सुरक्षित है।
  2. इस पर किसी देश या सेंट्रल बैंक का अधिकार नहीं है।
  3. यह पारदर्शी और द्रढ (Immutable) है, मतलब कोई छेड़-छाड़ नहीं किया जा सकता।
  4. इसकी आपूर्ति (Supply) सीमित है इसलिए इसकी तुलना सोने (Gold) से भी की जाती है।
  5. विशेषज्ञ इसे मुद्रास्फीति (Inflation) के बाड़े (Hedge) रूप में भी देखते हैं क्यूंकि दिन प्रतिदिन इसके मूल्य में इजाफा हो रहा है।
  6. इसमें गोपनियता बनी रहती है, क्योंकि इसके सहीं धारक (Owner) का पता नहीं लगाया जा सकता।
  7. इसके ट्रैंज़ैक्शन में समय कम लगता है।
  8. इसका ट्रैंज़ैक्शन खर्च भी बहुत कम है।
  9. यह व्यापार और लेन – देन के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध है।

कमियाँ (Disadvantages / Shortcomings)

  1. इसके भाव में काफी उतार-चढ़ाव (Volatility) देखा जाता है।
  2. इसके लेन-देन को अभी भी बहुत जगहों पर स्वीकार नहीं किया गया है।
  3. इसके ट्रैंज़ैक्शन के गोपनीय होने के कारण इसका इस्तेमाल ज्यादातर अवैद्य गतिविधियों जैसे मनी लौंडरींग (Money Laundering), कर अपवंचन (Tax Evasion), और टेर्रर- फ़ाइनेंसींग (Terror-Financing) में किया जाता है।
  4. एक बार इसका पासवर्ड या कंट्रोल खो जाने के बाद इसे दुबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता।
  5. ट्रैंज़ैक्शन होने के बाद इसका सुधार नहीं किया जा सकता।
  6. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को समझने में समय और मेहनत लगता है।

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  कितने प्रकार की होती है?

उपलब्ध जानकारी के अनुसार हजारों की संख्या में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  बाज़ार में आ चुकी है। प्रमुख Cryptocurrency में बिटकोइन (Bitcoin), एथेरियम (ETH), लिटकोइन (LTC), डॉगकोईन (Dogecoin), फेयरकोइन (FAIR), डैश (DASH), पीरकोइन (PPC), रिपल (XRP) इत्यादि है,  परंतु सबसे पुरानी Cryptocurrency, Bitcoin है, जिसकी खोज सतोषी नकामोतो ने की थी। इसका मार्केट शेयर लगभग 77% है। इस समय एक बिटकोइन का मूल्य लगभग $41703 डॉलर है जो की भारतीय रुपये में 35 लाख रुपये बराबर है।इसमें काफी उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और लगभग हर पल इसका मूल्य बदलता है, क्योंकि यह बाज़ार चौबीसों घंटे उपलब्ध है।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  की वर्तमान स्थिति क्या है?

वर्ष 2022 के बजट में भारत सरकार ने आभासी (Virtual) डिजिटल संपत्तियों से होने वाले लाभ पर 30% प्रतिशत का कर  (Tax) लगाया है। इसके अंतर्गत क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  भी आता है। वर्ष 2018 में भारत सरकार ने Cryptocurrencies पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे सूप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अब तक भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई थी। जो की अब भी बनी हुई है, परंतु सरकार के कर लगाने के निर्णय के बाद निवेशकों की सतर्कता जरूर जगी है।

इसका मतलब यह बिलकुल नहीं लगाया जा सकता की क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  को कानूनी वैद्यता प्राप्त हो गयी है। यहाँ यह भ्रम हो सकता है की जब इसे कानूनी वैद्यता नहीं दी गयी है तो फिर 30% प्रतिशत का कर क्यों लगाया गया है? इसे हम बस इस तरह समझ सकते हैं, की यह सरकार का निर्णय है, और ज्यादा कर लगाकर सरकार का इसे बढ़ावा देने की कोई मंशा नहीं है। बहरहाल, यह तो भविष्य के गर्भ में है की, इसका असल भविष्य क्या है।

निष्कर्ष (Conclusion) / हमें एक निवेशक के रूप में क्या करना चाहिए?

जैसा की हमने अभी कहा की, क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  के लिए यह कहना बहुत हीं कठिन है की इसका वास्तविक भविष्य क्या है। यह भविष्य की मुद्रा है या नहीं यह बहुत कुछ विश्व के प्रमुख देशों पर निर्भर करता है, और उससे भी अधिक इस बात पर की ये आने वाले समय में नयी- नयी चुनौतीयों का सामना कैसे करती है। फिलहाल! एक बात तो तय है की, अगर आप इसमें निवेश करना चाहते हैं, तो आपको इससे पहले अच्छी तरह समझना होगा। इससे जुड़े हर एक पहलू को ध्यान में रख कर हीं निवेश करना समझदारी होगी। सिर्फ इसके बढ़ते मूल्य/समाचार  या कुछेक लोगों की राय पर निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है।

और अंत में इस कहावत को ध्यान में जरूर रखें “तेति पैर पसारिए जेति लंबी सौर”।  मतलब इसे क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  के  संदर्भ में कहें तो इसमें पैसा उतना हीं लगाएँ जितना आप इसके खोने पर भी ना पछताएँ।

नोट:- मैंने अपने इस Article में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  को इसके मूल रूप में व्यक्त करने का प्रयास किया है। ज़्यादातर लोग Bitcoin को Cryptocurrency के पर्याय के रूप में उपयोग करते हैं, पर Bitcoin, एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)  है। Bitcoin वाले Article में मैंने इसे अलग से बताया है। इसे अच्छी तरह से समझने के लिए कृपया “Bitcoin” वाले पोस्ट को जरूर पढ़ें।

आशा करता हूँ, आपको ये Article पसंद आया होगा। अगर ये जानकारी अच्छी लगी तो अपने मित्रों तक भी इस ज्ञान को पहुंचाएँ। अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें। मिलते हैं अगले अंक में। कीमती समय देने के लिए धन्यवाद।

 

Disclaimer (अस्वीकरण): हमारा मकसद आपको सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी और उससे जुड़ी तकनीकी जानकारी देने का है। हम किसी भी तौर पर किसी  भी क्रिप्टोकरेंसी के व्यवसाय से संबंधित सलाह किसी भी लेख के माध्यम से नहीं देते। उम्मीद  है पाठक खुद सोच-समझकर निर्णय लेंगे।